काउंसलिंग में बैठ चुके, अब जाएंगे सुप्रीम कोर्ट नवभारत टाइम्स | Nov 20, 2013, 06.14PM IST प्रमुख संवाददाता इलाहाबादः प्राइमरी स्कूलों में जूनियर शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट से हो या ऐकडेमिक मेरिट से? इस सवाल को लेकर हाईकोर्ट ने बुधवार को टीईटी मेरिट के आधार पर भर्ती का फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले से जहां लाखों अभ्यर्थी जश्न मनाने में जुटे गये, वहीं तमाम अभ्यर्थी अब सुप्रीम कोर्ट में जाने के बारे में सोचने लगे हैं। टीईटी की भर्ती एकडेमिक मेरिट के आधार पर कराने की मांग को लेकर लंबे समय तक बेसिक शिक्षा भवन के सामने धरने पर सैकड़ों अभ्यर्थी इस फैसले से निराश है। टीईटी भर्ती को ऐकडेमिक मेरिट के आधार पर करने का समर्थन करने वाले दीपेंद्र सिंह को नहीं लगता है प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के फैसले को जस का तस स्वीकार करेगी। उनका कहना है टीईटी मेरिट की तुलना में ऐकडेमिक मेरिट से भर्ती चाहने वाले अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा है। प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। प्रदेश सरकार अगर टीईटी मेरिट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी तो जो अभ्यर्थी हजारों रुपये खर्च करने के बाद काउंसलिंग में बैठ चुके हैं, वह जाएंगे। टीईटी ऐकडेमिक मेरिट संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता दीपेंद्र का कहना है काउंसिलिंग में हिस्सा ले चुके छात्र अब सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए जल्द ही बैठक बुलाएंगे। हाईकोर्ट के टीईटी पर आए फैसले के बाद कुछ अभ्यर्थियों को अभी भी नहीं लग रहा है इतनी जल्दी प्रदेश सरकार शिक्षकों की भर्ती के लिए मान जाएगी। अरविंद कुमार गुप्ता का कहना है टीईटी पर जो फैसला आया उसके बाद मुझे तो लग रहा है अभी बवाल और बढ़ेगा। मायावती के समय जो विज्ञापन निकला था उसको रद्द करके अखिलेश सरकार ने नया विज्ञापन जारी किया। एक-एक टीईटी पास अभ्यर्थी कई जिलों से हजारों रूपये खर्च करके नौकरी के लिए फॉर्म भरे। तमाम अभ्यर्थियों ने तो काउंसलिंग में भी हिस्सा लिया। ऐसे में वह अभ्यर्थी चुप बैठेंगे क्या? टीईटी पास अभ्यर्थियों की निगाह अब प्रदेश सरकार के फैसले पर टिकी है। प्रदेश सरकार हाईकोर्ट फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएगी या भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करेगी।